अपने मुख से पहले मैंने आपको माँ पुकारा था,
जब अपनी गोद में रख आपने हर बार मुझे पुचकारा था,
खाता था आपके संग आपके संग मैं सोता था,
हँसता था आपकी गोद में आपकी गोद में रोता था ||
गालो पे हाथ रख आपके मुझे मीठे सपने आते थे,
आपके चहरे को देख मेरे गालो पे गड्ढे पर जाते थे,
नन्हे हाथों को पकड़ आप मुझे चलाना सिखाती थी,
मौसी अपमे ही तो मुझे मेरी माँ नज़र आती थी ||
लुढ़क लुढ़क के आपके पास मैं चल के जाता था ,
कभी आपसे लड़ता और आपसे माँ भी जाता था,
आप मुझे महाराजा के रसगुल्ले खिलाती थी,
मुझे गोद में बिठा अनगिनत लोरिया कहानियाँ सुनाती थी ||
आपने प्यार से मुझे अश्विनी नाम दिया था ,
उस नाम को मैंने आपके कारण पहचान बना रखा है ,
आज भी आपकी याद में आसुओं को नयनो में छुपा रखा है,
याद है मुझे जब आप मुझे हाथ पकड़ चलाना सिखाती थी,
मौसी अपमे ही तो मुझे मेरी माँ नज़र आती थी ||
जब अपनी गोद में रख आपने हर बार मुझे पुचकारा था,
खाता था आपके संग आपके संग मैं सोता था,
हँसता था आपकी गोद में आपकी गोद में रोता था ||
गालो पे हाथ रख आपके मुझे मीठे सपने आते थे,
आपके चहरे को देख मेरे गालो पे गड्ढे पर जाते थे,
नन्हे हाथों को पकड़ आप मुझे चलाना सिखाती थी,
मौसी अपमे ही तो मुझे मेरी माँ नज़र आती थी ||
लुढ़क लुढ़क के आपके पास मैं चल के जाता था ,
कभी आपसे लड़ता और आपसे माँ भी जाता था,
आप मुझे महाराजा के रसगुल्ले खिलाती थी,
मुझे गोद में बिठा अनगिनत लोरिया कहानियाँ सुनाती थी ||
आपने प्यार से मुझे अश्विनी नाम दिया था ,
उस नाम को मैंने आपके कारण पहचान बना रखा है ,
आज भी आपकी याद में आसुओं को नयनो में छुपा रखा है,
याद है मुझे जब आप मुझे हाथ पकड़ चलाना सिखाती थी,
मौसी अपमे ही तो मुझे मेरी माँ नज़र आती थी ||
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